नगर परिषद क्षेत्र में नए ई-रिक्शा के पंजीकरण पर अस्थायी रोक, जाम से निपटने को जिला प्रशासन का बड़ा फैसला
✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ
21 दिसंबर के बाद नगर क्षेत्र हेतु ई-रिक्शा का निबंधन नहीं, 1 जनवरी 2026 से संचालन रहेगा प्रतिबंधित
सिवान : शहर में लगातार गंभीर होते जा रहे यातायात जाम की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने कड़ा और अहम निर्णय लिया है। जिलाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय ने आदेश जारी करते हुए नगर परिषद सीवान क्षेत्र में परिचालन के लिए नए ई-रिक्शा के पंजीकरण पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है।
जारी आदेश के अनुसार, 21 दिसंबर के बाद ऐसे किसी भी ई-रिक्शा का निबंधन नहीं किया जाएगा, जिसका उद्देश्य नगर परिषद क्षेत्र के भीतर परिचालन करना है। साथ ही 1 जनवरी 2026 से नव-निबंधित ई-रिक्शा का संचालन नगर परिषद क्षेत्र में पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। यह आदेश ई-रिक्शा के नए पंजीकरण के साथ-साथ स्थानांतरण (ट्रांसफर) पर भी लागू होगा।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध आदेश की तिथि से छह माह अथवा अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, प्रभावी रहेगा। आदेश के उल्लंघन की स्थिति में मोटर वाहन अधिनियम 1988, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस 2023) एवं अन्य लागू कानूनों के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
विदित हो कि जाम की बढ़ती समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी ने जिला परिवहन पदाधिकारी एवं यातायात पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। प्राप्त प्रतिवेदन में यह तथ्य सामने आया कि बीते कुछ वर्षों में नगर परिषद क्षेत्र में ई-रिक्शाओं की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है। इसके कारण मुख्य व सहायक सड़कों पर गंभीर जाम, आपातकालीन वाहनों की आवाजाही में बाधा, पैदल यात्रियों की सुरक्षा को खतरा तथा चौराहों व मार्गों पर अतिक्रमण जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
डीएम ने यह भी स्पष्ट किया है कि पूर्व से पंजीकृत ई-रिक्शा के परिचालन के लिए चालकों को निर्धारित शर्तों का सख्ती से पालन करना होगा। ई-रिक्शा चालक के पास वैध पंजीकरण प्रमाण-पत्र एवं फिटनेस प्रमाण-पत्र का होना अनिवार्य होगा।
आदेश के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी एवं मोटरयान निरीक्षक को निर्देशित किया गया है कि नगर परिषद क्षेत्र में परिचालन हेतु नए ई-रिक्शाओं के पंजीकरण की प्रक्रिया किसी भी स्थिति में न की जाए। वहीं पुलिस अधीक्षक को सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, यातायात पुलिस एवं थानाध्यक्षों को आदेश के प्रवर्तन में आवश्यक सहयोग सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा है कि आदेश जारी होने के बाद समय-समय पर यातायात स्थिति का आकलन, सड़क क्षमता में संभावित वृद्धि, जन-सुविधा तथा शहरी गतिशीलता की समीक्षा की जाएगी। इसके आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने दोहराया कि यह कदम लोकहित में, शहर में सुव्यवस्थित यातायात प्रबंधन, जन-सुरक्षा एवं सड़क अनुशासन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।