✍🏽परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
सीवान: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर विश्व एनटीडी दिवस सह कुष्ठ उन्मूलन दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सदर अस्पताल परिसर में बापू के तैलचित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा गया। साथ ही जागरूकता अभियान के तहत गांधीजी के संदेशों का सामूहिक वाचन किया गया।
इस दौरान कुष्ठ रोगियों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए किए जाने वाले उपायों पर विचार-विमर्श किया गया। सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने कहा कि कुष्ठ रोगियों के लिए आसान इलाज की उपलब्धता के साथ ही, समाज में फैले मिथकों को दूर करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि कुष्ठ रोगियों को तिरस्कार की नजर से देखा जाएगा, तो वे अपने रोग को छिपाने के लिए मजबूर होंगे, जिससे इस बीमारी को मिटाना मुश्किल हो जाएगा।
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि विश्व कुष्ठ रोग दिवस का मुख्य उद्देश्य इस बीमारी से जुड़े भ्रम को दूर कर जागरूकता फैलाना है। उन्होंने बताया कि यह एक जीवाणुजनित बीमारी है, जिसका इलाज पूरी तरह संभव है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. ओमप्रकाश लाल ने बताया कि महात्मा गांधी की पुण्यतिथि से स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान पखवाड़ा चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाकर कुष्ठ रोगियों की पहचान की जाएगी और उनका नि:शुल्क उपचार कर मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा।
कार्यक्रम में बताया गया कि कुष्ठ रोग छुआछूत की बीमारी नहीं है, यह न तो अनुवांशिक है और न ही किसी अभिशाप का परिणाम। यह एक जीवाणु से फैलता है और इलाज से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। साथ ही, सफेद दाग को कुष्ठ रोग मानना गलत है।
सीएस डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने कहा कि समय पर इलाज से कुष्ठ रोग से होने वाली विकलांगता को रोका जा सकता है। उन्होंने कुष्ठ रोग के शुरुआती लक्षणों को पहचानने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाने की अपील की। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कुष्ठ रोग की जांच एवं दवाइयां पूरी तरह नि:शुल्क उपलब्ध हैं।
इस मौके पर सभी स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।