✍🏽 परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
सिसवन : सिसवन प्रखंड के ग्यासपुर पंचायत स्थित साईंपुर के बाबा के बाड़ी में आयोजित श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ के पांचवें दिन बुधवार को श्रद्धालुओं ने शिव विवाह प्रसंग का रसपान किया। कथा वाचक श्रीशक्ति पुत्र महाराज ने शिव-पार्वती विवाह की कथा सुनाकर उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। इस दौरान शिव-पार्वती की भव्य झांकी का आयोजन किया गया, जो श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बनी रही।
विवाह गीतों और पुष्प वर्षा का दृश्य
शिव-पार्वती विवाह प्रसंग के दौरान श्रद्धालु झूम उठे और विवाह गीत गाने लगे। झांकी पर पुष्प वर्षा करते हुए भक्तों ने भगवान शिव और माता पार्वती के पवित्र विवाह को हर्षोल्लास के साथ मनाया। कथा वाचक ने कहा कि सती और शिवजी की कथा हमें धर्म, त्याग और मर्यादा का संदेश देती है।
सती की कथा का वर्णन
कथा वाचक ने कहा कि मनु शतरूपा की कन्या आकृति का विवाह पुत्रिका धर्म के अनुसार रुचि प्रजापति से हुआ था। उन्होंने सती और उनके पिता दक्ष प्रजापति के बीच संबंधों और भगवान शिव से उनके विवाह के प्रसंग को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि दक्ष प्रजापति ने भगवान शिव से प्रतिकूल व्यवहार किया था, जिसके परिणामस्वरूप सती ने योग द्वारा अपने शरीर का त्याग कर दिया।
भजन और श्रद्धालुओं की सहभागिता
भागवत कथा के दौरान धार्मिक भजनों की प्रस्तुतियां भी हुईं, जिन पर श्रद्धालु थिरकते नजर आए। पूरे वातावरण में भक्ति का माहौल छाया रहा।