✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ
गंगपुर सिसवन में मनाई गई महाराणा प्रताप की जयंती, वक्ताओं ने बताया प्रेरणास्रोत
सिसवन (सिवान): प्रखंड के गंगपुर सिसवन स्थित महाराणा चौक पर शुक्रवार को वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने महाराणा प्रताप के वीरता, त्याग, स्वाभिमान और संयम की सराहना करते हुए कहा कि उनका जीवन आज भी हर भारतीय के लिए मार्गदर्शक है।
पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने कहा, “मध्यकालीन भारतीय इतिहास में महाराणा प्रताप ने मात्र दो हजार सैनिकों के साथ हल्दीघाटी में अकबर की विशाल सेना का डटकर सामना कर इतिहास रच दिया।”
नवचयनित आईएएस आदित्य कुमार ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हमें सिखाता है कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, हमें संयम और आत्मबल नहीं खोना चाहिए।
पूर्व प्रमुख जगनारायण सिंह ने कहा, “उन्होंने मेवाड़ और चित्तौड़ की रक्षा के लिए जंगलों में जीवन बिताया, घास की रोटियां खाईं लेकिन कभी भी अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की।”
विधायक कर्णजीत सिंह ने कहा, “महाराणा प्रताप ने न सिर्फ भारत के भू-भाग की रक्षा की बल्कि हिंदुत्व और स्वाभिमान की भावना को भी जीवित रखा। उन्होंने अपने बल, साहस और चेतक जैसे घोड़े की निष्ठा से मुगलों को कई बार पीछे हटने पर मजबूर किया।”
समारोह को सुधीर सिंह, चंदन सिंह, आनंद सिंह, विनय शंकर सिंह, त्रिलोकी सिंह, हरिकिशोर सिंह, गौतम यादव, विनय सिंह, सुरेंद्र सिंह और धर्मेंद्र साह ने भी संबोधित किया।