✍🏽 परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
भगवानपुर हाट : जिस पावन स्थल पर धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन होता है, वहां पूरी अवधि तक देवी-देवताओं का वास रहता है और वह स्थल देव लोक के समान हो जाता है। यह बातें रामपुर गांव में आयोजित सात दिवसीय शतचंडी महायज्ञ के पांचवें दिन शनिवार को यज्ञाचार्य सुधांशु दुबे ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि सभी युगों में धार्मिक अनुष्ठान का महत्व देखा गया है। जिस व्यक्ति के प्रयास से ऐसे आयोजन होते हैं और जो लोग इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनते हैं, वे अत्यंत भाग्यशाली होते हैं। उन्होंने सनातन धर्म में शक्ति स्वरूपा माता काली के महत्व को बताते हुए कहा कि माता काली ही दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती और सीता के रूप में पूजनीय हैं।
यज्ञाचार्य ने श्रद्धालुओं से धर्म के मार्ग पर चलने का आह्वान किया और कहा कि जो धर्म का पालन करता है, उसका पालन स्वयं परमात्मा करता है। उन्होंने कहा कि राजा को राज धर्म, पिता को पिता धर्म, पुत्र को संतान धर्म, गुरु को गुरु धर्म और वैद्य को वैद्य धर्म का पालन करना चाहिए।
इस धार्मिक अनुष्ठान में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की।