✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ
- जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर पाक गोलीबारी में हुए शहीद
- राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को होगा अंतिम संस्कार
- मुख्यमंत्री कार्यालय ने जताया शोक
- शहीद के घर उमड़ा जनसैलाब, गांव में पसरा मातम
जिला मुख्यालय से तकरीबन पैंतीस किलोमीटर दूर बड़हरिया प्रखंड का गांव, जो कल तक अधिकांश के लिये अनजान बना हुआ था, वह नौजवान की शहादत के चलते किसी तीर्थस्थल से कम नहीं रह गया। हर किसी के कदम गांव की ओर बढ़ने से रेला जैसी शक्ल ले ली।
उधर, अपने लाल को खोने के गम में उठ रही सिसकियों की आवाज बार-बार गांव की गलियों के बीच छायी मातमी सन्नाटा को चीर रही थी। दिनभर ऐसी ही तस्वीर बनी रही। दूर से आये रिश्तेदारों से लेकर रामबाबू के दोस्तों के आने का क्रम लगा रहा। अपने साथी को खोने का जहां उन दोस्तों को गम है, वहीं वीरता की इस मिशाल के लिये गर्व भी। कमोबेश हर कोई ऐसा ही कह रहा था कि, रामबाबू, आप दुनिया से चले गये, पर देश के लिये मर मिटने की कहानी सदियों तक सुनाई पड़ती रहेगी।
वसिलपुर निवासी स्व. रामविचार सिंह के द्वितीय पुत्र रामबाबू सिंह वर्ष 2017 में भारतीय फौज का हिस्सा बने। मात्र 19 वर्ष की उम्र में रामबाबू आर्मी के आरटी ब्रिगेड में शामिल हो गये, जहां आयुध को चलाने समेत अन्य कार्य इनके कामकाज का हिस्सा होता है। इस बीच, अपने तकरीबन सात वर्ष के सेवाकाल में विभिन्न स्थानों पर तैनाती के क्रम में मौजूदा समय में जम्मू में तैनात थे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना के आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करने के अभियान में भी रामबाबू शामिल रहे।
इस बीच, अपने मायके धनबाद रह रही पत्नी अंजली से संपर्क बना रहा। गांव वालों के मुताबिक, सोमवार की शाम साढ़े चार बजे जीबी नगर थाने से डायल 112 की टीम यहां पहुंची थी। रामबाबू के घर का पता पूछते हुए उनके दरवाजे तक पहुंची। उस समय घर पर मां सुमित्रा देवी के अलावा कोई नहीं था। पास-पड़ोस के लोगों को यह कहते हुए डायल 112 की टीम चली गयी कि रामबाबू घायल या बीमार हैं। इसके बाद से यह खबर गांव में धीरे-धीरे फैल गयी।
उधर, बताया जाता है कि तकरीबन अपराह्न साढ़े तीन बजे अंजली के पास भी आर्मी हेडक्वाटर से कॉल आया था, जिनके द्वारा घर का विवरण लिया जा रहा था। इस पर अंजली साइबर क्राइम से जुड़ा मामला समझ कर फोन काट दी। इसके बाद, आर्मी हेडक्वाटर से ही रामबाबू के बड़े भाई अखिलेश के मोबाइल पर कॉल आया। इस दौरान विभाग ने पूरी जानकारी दे दी। उस दौरान वे रेलवे में लोको पायलट की ड्यूटी पर झारखंड में ही थे।
ग्रामीणों का कहना है कि रामबाबू के अंदर देशभक्ति के बीज बचपन से ही पल रहे थे, जिसका नतीजा था कि उनके दोस्त भी कमोबेश वही थे। उनके गांव के करीबी मित्र प्रिंस कुमार सिंह कहते हैं कि उनके दोस्तों में गांव के नितीन कुमार, बलिंद्र कुमार, नागेंद्र सिंह तथा भेलपुर के गौतम यादव आर्मी में हैं, जबकि नरेंद्र सिंह बिहार पुलिस में तैनात हैं।
खास बात यह है कि वर्ष 2017 में रामबाबू आर्मी में भर्ती हुए थे। उसके छह माह की अवधि में ही इन दोस्तों की भी सेना व सिपाही में नौकरी हुई, जिनसे रामबाबू का दूर रहने के बाद भी जीवंत संपर्क बना रहा। अब दोस्तों के बीच रामबाबू के साथ गुजरे वक्त के किस्से ही रह गये हैं।
रामबाबू की शहादत की खबर मिलने के बाद अब उनके पार्थिव शरीर के गांव आने का इंतजार है। कहा जा रहा है कि बुधवार को जम्मू से विशेष विमान से रामबाबू का पार्थिव शरीर पटना लाया जायेगा, जहां दानापुर स्थित हेड क्वार्टर पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अन्य राजकीय सम्मान की प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी। इसके बाद सड़क मार्ग से गांव पार्थिव शरीर को लाया जायेगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ प्रशासनिक अफसरों व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया जायेगा।
बड़हरिया प्रखंड के वसिलपुर गांव में बुधवार को शहीद रामबाबू का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जायेगा। इसको लेकर एक दिन पूर्व गांव में आवश्यक तैयारी चलती रही। अंतिम दर्शन को जन सैलाब उमड़ने की उम्मीद को देखते हुए, भीड़ को नियंत्रित करने की प्रशासन को सर्वाधिक चिंता है। इसको लेकर सदर एसडीओ सुनील कुमार व सदर एसडीपीओ अजय कुमार सिंह, जीबी नगर थाना प्रभारी रितेश कुमार मंडल दिनभर तैयारी में लगे रहे। इस दौरान गार्ड ऑफ ऑनर के लिये स्थान चयन से लेकर अंत्येष्टि स्थल तक की व्यवस्था में अफसर जुटे रहे।
जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर पाकिस्तानी सेना द्वारा गोलीबारी में शहीद हुए बिहार के सीवान जिले के गौतम बुद्ध नगर थाना क्षेत्र के वसिलपुर गांव के रहने वाले रामबाबू सिंह के शहादत पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने शोक जताया है। वीर सपूत की शहादत पर उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना है। शहीद जवान रामबाबू सिंह के निकटतम आश्रित को राज्य सरकार की ओर से 50 लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी। साथ ही, शहीद जवान रामबाबू सिंह का राज्य सरकार की ओर से पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।