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July 10, 2025 4:20 am

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भगवानपुर हाट : वैश्य टोली में तिहरे हत्याकांड से सन्नाटा, प्रशासन पर उठे सवाल

वैश्य टोली के युवाओं का शराब विरोध पड़ा भारी
✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ

पूर्व सूचना के बावजूद पुलिस की निष्क्रियता से हुआ त्रिपल मर्डर, मृतकों के घर पसरा मातम

सिवान : भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के मलमलिया चौक और कौड़िया गांव में शुक्रवार को हुए तिहरे हत्याकांड ने इलाके को झकझोर दिया है। इस हृदयविदारक घटना को लेकर खासकर भगवानपुर हाट थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष सूरज कुमार चौधरी पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। आरोप है कि यदि पुलिस ने समय रहते कौड़िया वैश्य टोली के युवाओं द्वारा पहले दिए गए आवेदन व गुरुवार को कन्हैया सिंह द्वारा थाने को दिए गए ताजा आवेदन पर तत्परता से कार्रवाई की होती, तो शायद आज तीन घरों में चूल्हा नहीं बुझा होता।

डीआईजी ने की थानाध्यक्ष की निलंबन कार्रवाई
घटना के बाद डीआईजी ने तत्कालीन थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। लेकिन यह कार्रवाई मृतकों के परिजनों के दर्द को कम नहीं कर सकती। गांव में मातम पसरा हुआ है और हर ओर शोक और आक्रोश का माहौल है।

आपराधिक गतिविधियों में शुरू से सक्रिय था शत्रुघ्न सिंह
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पूरे कांड की जड़ में शत्रुघ्न सिंह है, जो पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा है। गलत तरीके से पैसे कमाकर उसने चिमनी खोल ली और कई गाड़ियां भी खरीद डाली। उसकी पत्नी मलमलिया, बसंतपुर सहित अन्य बाजारों में दुकानदारों को ब्याज पर रुपये देकर जबरन उगाही करती है।

पूर्व मुखिया ने खोया इकलौता बेटा
इस त्रासदी में सबसे अधिक क्षति पूर्व मुखिया अखिलेश सिंह को हुई है, जिन्होंने इस हिंसा में अपने इकलौते बेटे रोहित को खो दिया। शनिवार को गांव की गलियों में महिलाओं के करुण-क्रंदन की आवाजें लोगों का कलेजा चीर रही थीं।

जातीय तनाव ने लिया हिंसक रूप
गांव में पहले भी जातीय स्तर पर कुछ तनाव की घटनाएं सामने आती रही थीं, लेकिन इस बार मामला जानलेवा साबित हुआ। युवाओं द्वारा शराब और आपराधिक गतिविधियों का विरोध किया जाना ही इस टकराव की वजह बना।

पुलिस की अनदेखी बनी जानलेवा
स्थानीय लोगों के अनुसार, एक माह से दोनों पक्षों में वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। जब युवाओं ने आवेदन देकर शिकायत की, तब शत्रुघ्न सिंह ने उन्हें डराना-धमकाना शुरू कर दिया। एक युवक के साथ मारपीट भी की गई। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच संघर्ष और गहराता चला गया। प्रशासन को यह समझ ही नहीं आया कि यह छोटी दिखने वाली मारपीट की घटनाएं आगे चलकर इस कदर खूनी रूप ले लेंगी।

जनता की मांग: दोषियों को मिले कड़ी सजा
अब गांव में एक ही मांग गूंज रही है – इस कांड में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हर व्यक्ति को कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह बर्बाद न हो।

 

 

Samay Siwan
Author: Samay Siwan

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