एसपी से मिला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल, जिले में बढ़ते अपराध और भू-माफिया पर की कड़ी कार्रवाई की मांग
✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ
सुशीला देवी को न्याय दिलाने, संगठित अपराध पर सख्ती और प्रशासनिक मिलीभगत की जांच की उठी मांग
सीवान : जिले में हालिया आपराधिक घटनाओं और प्रशासनिक शिथिलता के खिलाफ कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को एसपी मनोज तिवारी से मुलाकात कर अपनी चिंता और मांगों को औपचारिक रूप से रखा। पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुशील कुमार, प्रदेश प्रतिनिधि डॉ. के. एहतेशाम अहमद, गोरिया कोठी के पूर्व प्रमुख अशोक कुमार सिंह, ओम प्रकाश यादव और अनूप कुमार शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने एसपी से मिलकर कहा कि बीते दिनों गुठनी, पचरूखी और टाउन थाना क्षेत्र में हुई घटनाओं से जिले की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रतिनिधिमंडल ने विशेष तौर पर गुठनी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि माइक्रो फाइनेंस कंपनी की प्रताड़ना से तंग आकर सुशीला देवी द्वारा आत्महत्या कर लेना कानून व्यवस्था की कमजोरी का प्रमाण है।
प्रतिनिधियों ने कहा कि सुशीला देवी के आत्महत्या प्रकरण में तीन नामजद आरोपियों और जिम्मेदारों पर शीघ्र सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके साथ ही पचरूखी थाना क्षेत्र के हरदिया गांव में तीन भाइयों पर हुए हमले, जिसमें एक की मौत हो गई, तथा टाउन थाना क्षेत्र के पाल नगर में 15 मई को वीरेंद्र प्रसाद की हत्या जैसे मामलों में शामिल अपराधियों पर स्पीडी ट्रायल चला कर कड़ी सजा दिलाई जाए।
भू-माफिया और प्रशासनिक मिलीभगत का मुद्दा उठाते हुए प्रतिनिधिमंडल ने चकसमदा, महादेवा थाना क्षेत्र की एक विवादित भूमि (खाता संख्या 29, सर्वे संख्या 136, रकबा 7 कट्ठा 16 धुर) के फर्जी जमाबंदी और जबरन कब्जा प्रकरण को प्रमुखता से रखा। बताया गया कि यह भूमि मूल रूप से सुरेंद्र प्रसाद की परदादी मुसम्मात रेखिया के नाम से दर्ज है, जिसके दस्तावेज, बैनामा की सच्ची प्रतिलिपि और मैनुअल रसीद 2014 तक मौजूद हैं। बावजूद इसके, वर्ष 2021 में विनोद प्रसाद ने अपने पिता संग्राम जी के नाम पर फर्जी तरीके से ऑनलाइन जमाबंदी में नाम दर्ज करा लिया और मुकेश कुमार, एहसान अली, ओरमा के पूर्व मुखिया साबिर अली समेत अन्य की मदद से जबरन निर्माण कार्य शुरू करवा दिया गया है।
प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि इन घटनाओं में प्रशासन की मिलीभगत स्पष्ट रूप से नजर आती है और एसपी से ऐसे मामलों में निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की।
एसपी मनोज तिवारी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि जिले में कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस पूरी तरह सतर्क है और अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सुशीला देवी के आत्महत्या प्रकरण में न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही यह भी बताया कि जब से उन्होंने जिले की कमान संभाली है, जमीन विवाद से संबंधित 90 फीसदी मामलों में प्रताड़ित लोगों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है और एएसपी अजय कुमार के नेतृत्व में टीम को तत्काल निर्देश भी दिए जाते हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि भू-माफियाओं पर कड़ी नजर है और प्रशासनिक भ्रष्टाचार को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
