प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस अब जिले में तीन दिन आयोजित होगा
✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ
गर्भवती महिलाओं की देखभाल को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बढ़ाया ध्यान, हर माह 9, 15 और 21 को होंगे विशेष शिविर
सिवान, 03 जुलाई: जिले में अब प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत प्रत्येक माह में दो की बजाय तीन दिन विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे। पहले यह शिविर प्रत्येक माह की 9 और 21 तारीख को आयोजित होते थे, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 9, 15 और 21 तारीख कर दिया गया है। यह फैसला प्रसव पूर्व जांच की दर बढ़ाने और मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में उठाया गया है।
सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 33,354 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच कराई गई है। इनमें से 2917 महिलाओं की उच्च जोख़िम गर्भावस्था (HRP – High Risk Pregnancy) के रूप में पहचान की गई, जो कुल संख्या का 8.7 प्रतिशत है। जबकि अपेक्षित दर 15% मानी जाती है। उन्होंने कहा कि कम दर का प्रमुख कारण पीएमएसएमए दिवसों में गर्भवती महिलाओं की अपेक्षाकृत कम भागीदारी है, जिससे जांच की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी।
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत द्वारा जारी निर्देश में इस पहल को अधिक प्रभावी बनाने के लिए अतिरिक्त तिथि (15 तारीख) जोड़ी गई है। इससे अब हर महीने तीन बार विशेष शिविरों के ज़रिये गर्भवती महिलाओं को उनकी गर्भावस्था की स्थिति का समुचित आकलन और चिकित्सीय परामर्श मिल सकेगा।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए चलाए जा रहे प्रयासों को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. रूपाली ने बताया कि जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रसव पूर्व जांच, पोषण, टीकाकरण, और संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित किया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर महिलाओं को शिविरों में लाने का कार्य कर रही हैं।
इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, आवश्यक रक्त परीक्षण, ब्लड प्रेशर, शुगर स्तर, हीमोग्लोबिन आदि की जांच की जाती है और जरूरत पड़ने पर उन्हें उच्च केंद्रों के लिए रेफर किया जाता है।
स्वास्थ्य विभाग ने इस अवसर पर सभी स्वास्थ्यकर्मियों, एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे इस अभियान को अधिक प्रभावशाली बनाने में अपना सहयोग दें ताकि हर गर्भवती महिला को सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित किया जा सके।
