भारत पर थोपा गया था आपातकाल : प्रदेश मंत्री
✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ
भाजपा कार्यालय में लगी प्रदर्शनी, वक्ताओं ने बताया इमरजेंसी लोकतंत्र पर हमला
सिवान : भाजपा जिला कार्यालय में बुधवार को आपातकाल की 49वीं बरसी पर “कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र पर कुठाराघात” विषयक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा पश्चिमी जिलाध्यक्ष राहुल तिवारी ने की।
मुख्य अतिथि भाजपा के प्रदेश मंत्री धनराज शर्मा ने कहा कि 25 जून 1975 की रात तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर आपातकाल थोप दिया। यह कोई युद्धकालीन निर्णय नहीं, बल्कि सत्ता बचाने की हताशा का परिणाम था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लोकतांत्रिक संस्थाओं, प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की निष्ठा और नागरिक अधिकारों को कुचल दिया। जब-जब कांग्रेस संकट में होती है, वह संविधान की आत्मा को भी कुर्बान कर देती है।
प्रदेश मंत्री नंद प्रसाद चौहान ने कहा कि 1971 के लोकसभा चुनाव में भारी जीत के बावजूद इंदिरा गांधी की वैधानिकता को विपक्षी नेता राज नारायण ने कोर्ट में चुनौती दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1975 में उनके चुनाव को रद्द कर दिया, जिसके बाद सत्ता बचाने की रणनीति के तहत इमरजेंसी लगाई गई।
जिलाध्यक्ष राहुल तिवारी ने इसे लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय बताया।
गोरेयाकोठी विधायक देवेश कांत सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी ने देश को परिवारवाद और व्यक्ति पूजा की प्रयोगशाला बना दिया था।
दारौंदा विधायक व्यास सिंह ने कहा कि आपातकाल के दौरान संविधान में संशोधन कर धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी जैसे शब्द जोड़े गए।
पूर्वी जिलाध्यक्ष रंजीत प्रसाद ने बताया कि जेलों में विपक्षी नेताओं को मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी जाती थीं। उन्हें दवाएं तक नहीं मिलती थीं।
कार्यक्रम का संचालन देवेंद्र गुप्ता ने किया। मौके पर पूर्व जिलाध्यक्ष संजय पांडेय, मीडिया प्रभारी आदित्य पाठक, मुकेश कुशवाहा, अर्जुन गुप्ता सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
