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July 16, 2025 7:24 pm

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सिवान में अकीदत के साथ मनाया गया ईद-उल-अजहा का पर्व

सिवान में अकीदत के साथ मनाया गया ईद-उल-अजहा का पर्व
✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ

कंधवारा ईदगाह में सुबह से जुटी भीड़, अदा की गई कुर्बानी की नमाज, अमन-चैन की मांगी दुआ

सिवान: आज शनिवार को पूरे जिले में ईद-उल-अजहा का पर्व अकीदत और श्रद्धा के साथ मनाया गया। सुबह से ही जिले के विभिन्न ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सबसे ज्यादा भीड़ कंधवारा ईदगाह में देखी गई, जहां हजारों की संख्या में अकीदतमंद सुबह 7:00 बजे से जुटने लगे थे।

त्योहार को लेकर ईदगाहों और मस्जिदों की विशेष सफाई की गई थी, साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम प्रशासन की ओर से किए गए थे। नमाज के दौरान देश, प्रदेश और जिले की खुशहाली, अमन और तरक्की के लिए दुआएं मांगी गईं। नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी।

ईद-उल-अजहा: आस्था, बलिदान और सेवा का प्रतीक

ईद-उल-अजहा, जिसे बकरीद भी कहा जाता है, इस्लाम धर्म में कुर्बानी का पर्व माना जाता है। यह त्योहार हजरत इब्राहिम की उस बेमिसाल कुर्बानी की याद में मनाया जाता है जब उन्होंने अल्लाह की राह में अपने बेटे इस्माइल को कुर्बान करने का इरादा कर लिया था। अल्लाह ने उनकी सच्ची नीयत देखकर इस्माइल की जगह एक दुंबा भेजा। तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि बकरे, भेड़ या अन्य जायज जानवरों की कुर्बानी दी जाती है।

कुर्बानी को तीन हिस्सों में बांटने की परंपरा है—एक हिस्सा गरीबों में दान किया जाता है, दूसरा रिश्तेदारों और दोस्तों को दिया जाता है और तीसरा हिस्सा अपने घर के लिए रखा जाता है। इससे सामाजिक समरसता और जरूरतमंदों के सहयोग की भावना भी प्रबल होती है।

बच्चों में भी दिखा खासा उत्साह

ईदगाहों और मस्जिदों में बच्चों का उत्साह भी देखने लायक था। नए कपड़े पहनकर और हाथों में मेहंदी सजाकर वे ईद मनाने पहुंचे। कुर्बानी के बाद घरों में पकवानों की खुशबू और आपसी मेलजोल का माहौल बना रहा। जिले भर में पर्व को शांतिपूर्ण और उल्लासपूर्ण माहौल में मनाया गया।

प्रशासन और समाजसेवियों की सक्रियता सराहनीय

त्योहार के दौरान प्रशासन द्वारा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौकसी बरती गई। साथ ही कई सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों ने भी साफ-सफाई, भीड़ नियंत्रण और सुविधा बहाल रखने में अहम भूमिका निभाई।

ईद-उल-अजहा के इस अवसर पर सिवान के लोग न सिर्फ आस्था के रंग में रंगे दिखे बल्कि सेवा, सहयोग और सद्भाव का सुंदर उदाहरण भी प्रस्तुत किया।

Samay Siwan
Author: Samay Siwan

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