सीवान: पांच वर्षों में सिर्फ 50% उपभोक्ताओं के घर लग सके स्मार्ट मीटर, लक्ष्य से बहुत पीछे विभाग
✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ
सितंबर 2019 में शुरू हुआ था काम, 2025 तक सभी घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का है लक्ष्य
सीवान, 1 जून :
राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना को पांच साल बीत चुके हैं, लेकिन अब तक जिले में महज 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं के घर ही स्मार्ट मीटर लग पाए हैं। काम की धीमी रफ्तार और तकनीकी एवं प्रशासनिक अड़चनों के कारण यह योजना लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है।
सितंबर 2019 में शहरी क्षेत्रों से स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हुआ था, जबकि ग्रामीण इलाकों में इसकी शुरुआत जनवरी 2023 से हुई। सरकार ने 2025 तक सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य तय किया है, लेकिन मौजूदा गति को देखते हुए यह लक्ष्य अधूरा ही नजर आता है।
क्या हैं स्मार्ट मीटर की खूबियां?
- उपभोक्ता अपनी दैनिक ऊर्जा खपत और रिचार्ज बैलेंस की जानकारी कभी भी, कहीं से भी घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं।
- पुराने पोस्टपेड मीटर की तुलना में स्मार्ट मीटर उतनी ही खपत दर्ज करता है, इसे सिद्ध करने के लिए पुराने मीटरों को टेस्ट मीटर के रूप में लगाया जा रहा है।
- बकाया बिल को आसान किस्तों में चुकाने की सुविधा भी दी जा रही है।
- लोगों को स्मार्ट मीटर के फायदे बताने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया गया, लेकिन जनजागरूकता और भरोसे की कमी से इसका असर बहुत कम दिखा है।
फिलहाल, उपभोक्ता असमंजस में हैं और विभाग की ओर से लगने वाली तेज गति की उम्मीद अब भी अधूरी है।
