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July 16, 2025 7:46 pm

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सिवान : मुफस्सिल थानाध्यक्ष को न्यायालय का नोटिस, आदेशों की अवहेलना पर मांगा जवाब

सिवान : मुफस्सिल थानाध्यक्ष को न्यायालय का नोटिस, आदेशों की अवहेलना पर मांगा जवाब
✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ

चेक बाउंस मामले में बार-बार आदेशों के बावजूद कार्रवाई नहीं, न्यायालय ने जताई नाराजगी

सिवान (बिहार) : प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी कुमारी सौम्या की अदालत ने मुफस्सिल थानाध्यक्ष के विरुद्ध न्यायालयीय आदेशों के सम्यक अनुपालन में विफल रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।

मामला मेसर्स प्रताप ट्रेडर्स बनाम नूर आलम अंसारी से जुड़ा है, जो चेक बाउंस से संबंधित वाद संख्या 281/2025 के रूप में विचाराधीन है। इस मामले में आरोपी नूर आलम अंसारी बार-बार न्यायालय में हाजिर होकर जमानत लेता रहा, परंतु उसने शर्तों का पालन नहीं किया। इस पर अदालत ने 12 नवंबर 2024 को उसकी जमानत रद्द कर दी और गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया।

पुलिस की लापरवाही पर न्यायालय सख्त
अदालत द्वारा दिए गए आदेशों के बावजूद थानाध्यक्ष द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। बाद में अदालत ने धारा 82 के तहत कुर्की की प्रक्रिया आरंभ करने का आदेश भी जारी किया, परंतु फिर भी थानाध्यक्ष की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इस लापरवाही पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इतने गंभीर निर्देशों की अनदेखी न्याय प्रक्रिया में बाधा है। अदालत ने थानाध्यक्ष से पूछा है कि आखिर उन्होंने न्यायालय के आदेशों का पालन क्यों नहीं किया।

पहले भी हो चुकी है अवमानना की प्रक्रिया शुरू
ज्ञात हो कि इसी मामले में पूर्व न्यायिक दंडाधिकारी आलोक कुमार चतुर्वेदी ने भी इसी तरह के आदेशों की अवहेलना के मामले में मुफस्सिल थानाध्यक्ष के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 349 के तहत न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई का आदेश दिया था।

अब देखना होगा कि न्यायालय के इस कड़े रुख के बाद पुलिस प्रशासन की तरफ से क्या जवाब सामने आता है और आगे की प्रक्रिया क्या दिशा लेती है।

Samay Siwan
Author: Samay Siwan

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