✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ
सिवान में कालाजार नियंत्रण अभियान अंतिम चरण में, अब तक केवल 12 नए मामले
सिवान : जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर बुधवार को पीरामल स्वास्थ्य कार्यालय के सभागार में एक समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. ओम प्रकाश लाल ने की। उन्होंने कहा कि कालाजार जैसी घातक बीमारी से भारत को मुक्त करना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
बैठक में जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार नीरज कुमार सिंह ने बताया कि सिवान में कालाजार उन्मूलन लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुका है। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि:
- 2022 में कुल 108 मरीजों की पहचान हुई, जिनमें 57 वीएल (Visceral Leishmaniasis) और 20 पीकेडीएल (Post Kala-azar Dermal Leishmaniasis) मरीज शामिल थे।
- 2023 में 64 मरीज, जिनमें 44 वीएल और 20 पीकेडीएल।
- 2024 में 50 मरीज, जिनमें 36 वीएल और 14 पीकेडीएल।
- 2025 में अब तक सिर्फ 12 मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनमें 9 वीएल और 3 पीकेडीएल।
राजेश कुमार तिवारी (संक्रमण रोग विभाग) ने बताया कि विभिन्न प्रखंडों में विशेष पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है ताकि समय पर पहचान और इलाज सुनिश्चित हो सके।
- सोनू कुमार सिंह – भगवानपुर हाट, गोरेयाकोठी, महाराजगंज, दारौंदा, लकड़ी नबीगंज
- अमितेश कुमार – मैरवा, गुठनी, नौतन, जीरादेई, दरौली
- पूर्णिमा सिंह – आंदर, बड़हरिया, हुसैनगंज, रघुनाथपुर, सिवान सदर
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत वीएल रोगियों को ₹7,100 (राज्य से ₹6,600 व केंद्र से ₹500) जबकि पीकेडीएल रोगियों को ₹4,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
इस अवसर पर वीडीसीओ विकास कुमार, कुंदन कुमार, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी समेत कई अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।
