✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ
रघुनाथपुर के पंजवार में श्रीराम प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ का आयोजन, कथावाचिका राधे प्रिये ने सुनाया भावनात्मक प्रसंग
रघुनाथपुर (सिवान): प्रखंड के पंजवार गांव में चल रहे श्रीराम प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ के आठवें दिन गुरुवार की शाम एक भावनात्मक क्षण तब उत्पन्न हुआ जब मथुरा से पधारीं बाल विदुषी कथावाचिका राधे प्रिये ने राम-भरत मिलाप की मार्मिक कथा सुनाई। कथा सुनते ही श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे और माहौल भक्तिमय हो गया।
राधे प्रिये ने बताया कि जब भगवान श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास मिला और यह सूचना भरत को मिली, तो उन्होंने राजपाट, सुख-सुविधा सब त्याग कर राम को वापस लाने का निर्णय लिया। वे अयोध्या के राजपरिवार, गुरुजनों व माता-पिता के साथ चित्रकूट पहुंचे, जहां श्रीराम, सीता और लक्ष्मण एक कुटिया में रह रहे थे।
भरत ने राम से अयोध्या लौटने की विनती की, लेकिन श्रीराम ने अपने वचन और धर्म के पालन हेतु इंकार कर दिया। भरत के हठ के बावजूद जब राम ने चुप्पी तोड़ी और पिता के वचनों का हवाला दिया, तो भरत ने राम की पादुका लेकर अयोध्या लौटने का निर्णय लिया और उन्हें सिंहासन पर विराजमान कर स्वयं वनवासी जीवन व्यतीत किया।
कथावाचिका ने इस प्रसंग के माध्यम से भाईचारे, त्याग, कर्तव्यनिष्ठा और धर्मपालन का संदेश दिया। कथा के दौरान उपस्थित श्रद्धालु भावनात्मक रूप से जुड़ते हुए कई बार आंखें नम करते दिखे।
