‘बिजनेस में सफल रहा, अब सियासत में जनता की आवाज बनना चाहता हूं’
✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ
सिवान – “राजनीति मेरे लिए कमाई का साधन नहीं बल्कि समाज सेवा का बड़ा मंच है। मैं पॉकेट भरने नहीं, जनता की आवाज बनने आया हूं।” – यह कहना है सिवान के चर्चित व्यवसायी और अब राजद नेता अरुण कुमार गुप्ता का, जिन्होंने अपने बेबाक अंदाज और साफ नीयत से राजनीति में नई सोच की शुरुआत करने का दावा किया है। उन्होंने हाल ही में एक विशेष बातचीत में अपनी राजनीतिक यात्रा, उद्देश्य और भविष्य की योजनाओं पर खुलकर बातें साझा कीं।
अरुण कुमार गुप्ता ने कहा कि ईश्वर की असीम कृपा से उन्होंने जीवन में हर वो चीज़ हासिल की है जिसकी एक आम आदमी तमन्ना करता है। उनका सफल व्यवसाय है, संपत्ति है, प्रतिष्ठा है, और एक मजबूत सामाजिक पहचान है। उन्होंने कहा, “वीआईपी मॉल और उमेद पैलेस जैसी पहचान होना मेरे लिए गर्व की बात है, लेकिन मैं चाहता हूं कि इस पहचान का लाभ समाज को मिले।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं राजनीति में इसलिए नहीं आया कि मुझे कुछ हासिल करना है, बल्कि इसलिए आया हूं कि समाज को कुछ लौटाना है। मेरे बच्चे सफल हैं, मेरा बिजनेस सफल है। अब समय है कि जो अनुभव और सामर्थ्य मैंने कमाया है, उसका उपयोग समाज और खासकर सिवान के लोगों की सेवा के लिए करूं।”
अरुण गुप्ता ने राजनीति में फैली स्वार्थपरता और भ्रष्ट मानसिकता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “आज अधिकांश नेता सिर्फ सत्ता के लिए राजनीति करते हैं। पॉकेट भरने आते हैं। लेकिन मैं उस मानसिकता का हिस्सा नहीं हूं। मैं जमीन से उठा हूं, गरीबी देखी है, संघर्ष किया है, इसलिए गरीबों की तकलीफों को गहराई से समझता हूं।”
उन्होंने बताया कि वह अति पिछड़ा समाज से आते हैं और इसी कारण उन्हें उस वर्ग की समस्याएं अच्छे से पता हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने जीवन में कभी झूठ का सहारा नहीं लिया और सच की राह पर चलकर ही सफलता पाई है। “ईमानदारी मेरी ताकत है, और मैं इसी के सहारे राजनीति में आया हूं,”।
कोरोना काल के दौरान की गई समाजसेवा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने उस समय लोगों की खुलकर मदद की। “गरीब बेटियों की शादी के लिए मैंने उमेद पैलेस के दरवाजे खोल रखे हैं।सामूहिक विवाह के आयोजन के लिए मेरी टीम काम कर रही है। यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी संतुष्टि देने वाली बातों में से एक है,”।
राजद को चुनने के पीछे उन्होंने तेजस्वी यादव की ईमानदार राजनीति को वजह बताया। अरुण गुप्ता ने कहा, “तेजस्वी जी जो कहते हैं वो करते हैं। वैश्य समाज को न केवल टिकट दिया है, बल्कि उन्हें सदन तक भी पहुंचाया है। यही कारण है कि मैंने राजद को चुना। अन्य पार्टियां सिर्फ वोट लेती हैं, अधिकार नहीं देतीं।”
उन्होंने कहा कि अब वैश्य समाज भी जागरूक हो गया है और वह किसी के बहकावे में आने वाला नहीं है। समाज अब अपने मताधिकार का इस्तेमाल समझदारी से करेगा। “जो लोग सालों से हमें सिर्फ इस्तेमाल करते आए हैं, अब उनकी साजिशें काम नहीं आएंगी। वैश्य समाज अब अपने अधिकारों के लिए संगठित हो रहा है,”।
अरुण कुमार गुप्ता ने यह भी कहा कि अगर उन्हें जनप्रतिनिधि बनने का अवसर मिला तो वे सिवान के विकास के लिए ऐसे कार्य करेंगे जो इतिहास में मिसाल बन जाएंगे। उनका सपना है कि सिवान को बिहार के अग्रणी जिलों में लाया जाए। उन्होंने कहा, “मैं वादा नहीं करता, लेकिन भरोसा दिलाता हूं कि काम ऐसा करूंगा जो कभी नहीं हुआ।”
उन्होंने अंत में कहा, “राजनीति मेरे लिए न तो साधन है और न ही सत्ता का खेल। यह सेवा का एक माध्यम है। मैं एक व्यवसायी के तौर पर ईमानदार रहा और अब एक राजनेता के तौर पर भी उसी रास्ते पर चलूंगा।”
अरुण कुमार गुप्ता की यह सोच और दृष्टिकोण न सिर्फ सिवान बल्कि पूरे बिहार के लिए एक नई राजनीति की बुनियाद रख सकती है – ऐसी राजनीति जो सेवा, ईमानदारी और विकास की त्रिवेणी से निकले।
…मैंने हमेशा सच का साथ दिया है और राजनीति में भी इसी सिद्धांत के साथ आगे बढ़ूंगा।
अरुण कुमार गुप्ता ने अंत में एक भावुक और प्रेरणादायक पंक्ति के साथ अपनी बात को विराम दिया –
“शब्दों में सिमट नहीं है मेरा काम, मौका मिले तो मिसाल बनाऊंगा।”
यह पंक्ति न केवल उनके इरादों की गहराई को दर्शाती है, बल्कि आने वाले समय में उनकी राजनीति के तेवर और दिशा की भी झलक देती है। अरुण गुप्ता का दावा है कि यदि जनता ने उन्हें मौका दिया, तो वे सिवान में ऐसा काम करेंगे जिसकी चर्चा सिर्फ फाइलों में नहीं, बल्कि लोगों के दिलों में होगी।
