✒️ परवेज अख्तर / एडिटर इन चीफ
आठ साल बाद भी नहीं मिला फायदा, अधिकांश टंकियां पड़ी हैं बंद, ग्रामीणों में आक्रोश
हुसैनगंज (सिवान) : प्रखंड क्षेत्र के पश्चिमी हरिहांस पंचायत के दक्षिण टोला स्थित वार्ड संख्या तीन में करोड़ों की लागत से बनाए गए जलमीनार और नलजल योजना ग्रामीणों के लिए बेकार साबित हो रही है। स्वच्छ पानी की आस में बैठे करीब 20 हजार की आबादी वाले इस गांव को आज भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है।
जानकारी के अनुसार, आठ वर्ष पूर्व पीएचइडी विभाग द्वारा करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से जलमीनार का निर्माण कराया गया था। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत एक करोड़ रुपये की लागत से नौ नलजल टंकियों का निर्माण भी हुआ, लेकिन इनमें से केवल वार्ड संख्या आठ में बनी टंकी से ही जलापूर्ति हो रही है। बाकी सभी टंकियां वर्षों से बंद पड़ी हैं।
सबसे गंभीर बात यह है कि जलमीनार पर लगभग एक लाख लीटर क्षमता वाली 20 मीटर ऊंची टंकी बनाई गई है, जिसमें पानी चढ़ाने के लिए 40 सोलर प्लेट भी लगाए गए हैं। लेकिन तकनीकी खामी के कारण सोलर पैनल से टंकी तक पानी नहीं चढ़ पा रहा है। वहीं बिजली से संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था अब तक नहीं की गई है।
अप्रैल महीना आते ही कोईरी टोला, धुनिया टोली, सोनार टोली, मालिकान मोहल्ला, धोबी टोला, नोनिया टोली और बिसाती मोहल्ला जैसे ऊंचे इलाकों में चापाकल सूखने लगे हैं, जिससे जलसंकट गहराता जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि वार्ड संख्या दो, पांच, छह, सात, नौ, 11, 12 और 13 में निर्मित नलजल की टंकियां या तो अधूरी हैं या चालू ही नहीं हो सकी हैं। वार्ड संख्या दो की टंकी तो सात वर्षों बाद भी तैयार नहीं हो सकी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन की मंशा तो सही है लेकिन विभागीय लापरवाही, तकनीकी खामियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण योजनाएं धरातल पर उतरने से पहले ही दम तोड़ रही हैं।
