✍🏽परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
सिवान : सदर प्रखंड के पचौरा स्थित शुभवंती इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन में शुक्रवार को “विरासत शिक्षा: सांस्कृतिक समन्वय, पहचान, संरक्षण एवं वैश्विक मानव भाव का संवर्धन” विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सह सदर विधायक अवध बिहारी चौधरी, गोपालगंज एमएलसी राजीव कुमार, संस्थान के सचिव सतीश कुमार राय, अध्यक्ष डॉ. उपमा कुमारी राय तथा देश-विदेश से पधारे मुख्य वक्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया।
मुख्य अतिथि ने शुभवंती संस्थान की गतिविधियों की सराहना करते हुए सेमिनार के विषय को समयानुकूल और आवश्यक बताया। सचिव सतीश कुमार राय ने आयोजन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सेमिनार न केवल बिहार बल्कि देश के शिक्षा जगत में मील का पत्थर साबित होगा। संस्थान की अध्यक्ष डॉ. उपमा कुमारी राय ने संस्थान की शैक्षणिक उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए अतिथियों और वक्ताओं को प्रतीक चिह्न और अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
सेमिनार में यूनाइटेड किंगडम से आईं प्रो. डॉ. लूसी गेस्ट ने भारतीय वैदिक परंपरा एवं ‘विरासत शिक्षा’ के वैश्विक महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि “वेद और ऊँ जो हमारे भीतर हैं, वही सम्पूर्ण ब्रह्मांड में व्याप्त हैं।” अमेरिका से आए प्रो. हमजा अंसारी ने विरासत शिक्षा के विविध आयामों को विस्तार से रखा। वहीं आंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली से आए प्रो. आनंद वर्धन ने शिक्षा के सामाजिक उत्तरदायित्व को केंद्र में रखकर गहन विश्लेषण किया।
इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार साझा किए। आयोजन को सफल बनाने में संस्थान के प्राध्यापकों, रिसर्च स्कॉलर्स, बीएड और डीएलएड प्रशिक्षुओं की अहम भूमिका रही।
