✍🏽 परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
सीवान के फुटबॉल प्रेमियों के लिए आज का दिन बेहद दुखद है। फुटबॉल को एक अलग पहचान देने वाले नम्मू बाबू उर्फ नईमुल हक (दरबार) के निधन से खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
बीती रात शहर के दरबार इलाके के निवासी नम्मू बाबू ने 82 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। वे पिछले छह वर्षों से अल्जाइमर से ग्रसित थे और हाल के दिनों में उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद, रात करीब 9:30 बजे उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
गौरतलब है कि नम्मू बाबू और उनके भाई नसीम बाबू ने मिलकर वर्ष 1952 में युनाइटेड क्लब फुटबॉल टीम की नींव रखी थी, जिसने समय के साथ न सिर्फ सीवान बल्कि पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई। फुटबॉल के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय रहा है। उन्होंने अपने जीवनकाल में देश के कई शहरों में फुटबॉल खेला और एक समय पर सहारा समूह के प्रमुख सुब्रतो रॉय के साथ भी मैदान साझा किया।
उनके निधन पर सीवान ही नहीं, बल्कि देशभर के कई फुटबॉल से जुड़े लोगों ने शोक व्यक्त किया है। पूर्व फुटबॉलर उमा बाबू ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “वे न केवल एक बेहतरीन खिलाड़ी थे, बल्कि फुटबॉल को आगे बढ़ाने में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनके जाने से फुटबॉल जगत को भारी क्षति हुई है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे उन्हें स्वर्ग में स्थान दें और उनके परिवार को इस कठिन घड़ी में संबल प्रदान करें।”
इसके अलावा, अन्य खिलाड़ियों और प्रशंसकों ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।